चन्दन, केसर, कस्तूरी, गोरोचन और कपूर का मिश्रण कर गुलाब जल या फिर गंगा जल में मिलाकर घोटे. ॥ॐ नमो महाशाबरी शक्ति मम अरिष्टं निवारय मम कार्य सिद्धं कुरु कुरु स्वाहाः॥ कभी भी अमावस, ग्रहण या किसी भी बुरे महूर्त के समय नहीं मिलना चाहिए. Like initially of this chapter https://www.instagram.com/aacharyagoldiemadan/